रामनगरा , रामदेवरा बेट्टा – गब्बर की खोह: एक चित्रलेख

शोले फिल्म के गब्बर सिंह को कौन भूल सकता है। और उसकी खोह? वो फिल्म तो उत्तर भारतीय बैकग्राउंड में थी लेकिन गब्बर की डेन यहाँ दक्षिण के कर्णाटक में , बंगलोर से 60 km दूर, रामनगर के रामदेवरा बेट्टा में थी.

जहाँ फिल्म में उसकी खोह का चारों ओर पथरीला पहाड़ उसके दिल को ही प्रतिबिंबित करता था- बंजर, क्रूर,सूखा,जहाँ एक अंकुर भी प्रेम और दया का कभी न फूटा हो ; लेकिन आज ये स्थान उसके ठीक विपरीत – हरा-भरा और रुमानियत से लबरेज है. इतना सुहाना और सुकून दायी कि गब्बर भी यहाँ आकर ग़ालिब ही बन बैठे।

Yes. This is the view from Gabbar’s Den .

बेट्टा यानि पहाड़ी और रामदेवरा जहाँ राम जी का मंदिर। तो रामनगर में पहाड़ी पर बना रामदेवराबेट्टा ।

इसी रामनगर में ठाकुर का रामगढ गाँव बसाया गया था. मस्जिद, मंदिर , वो लकड़ी का पुल जिस पर लड़ाई हुई , पानी का टैंक -सब कुछ टेम्परेरी बनाया गया था। आज देखने पर, शोले के किसी दृश्य की कल्पना करना मुश्किल है. यहीं पर दस साल बाद “A Passage to India “के भी कुछ दृश्य शूट किये गए थे.

Boulder and hill strewn terrain of Karnataka as seen from Ramdevra Betta.

कर्णाटक का चट्टानों से पटा लैंडस्केप देखने के लिए बहुत ही उपयुक्त स्थल है. 2012 में इसे Vulture Sanctuary घोषित किया गया था। हालाँकि इन चट्टानी पहाड़ियों में इजिप्सिअन और सफ़ेद गिद्ध कभी से डेरा डाले थे.

लेकिन जैसा सभी जगह हुआ और हो रहा है, गिद्धों की गिनती अप्रत्याशित और खतरनाक रूप से कम हो चुकी है. इसी के चलते इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया. हालाँकि सरकारें और धन के आशिक किसी न किसी रूप में संरक्षित क्षेत्र को भी नुक्सान पहुँचाने से चूकते नहीं।

लेकिन आज बंगलौर वासियों के लिए और अन्य पर्यटकों के लिए आधे दिन का बहुत ही आसान और खूबसूरत ट्रेक है. बारिश के मौसम में इसके मोहपाश में न बंधना संभव ही नहीं।

तो शुरू करे 450 + सीढ़ियों पे चढ़ना। गाड़ी पार्क करने का बीस रुपया देकर आप बेफिक्री से ऊपर चढ़ें। पानी और नाश्ता भोजन अपने साथ लाएं। यहाँ कुछ नहीं मिलेगा।

Stairs under the dense canopy, Ramdevra Betta.
Approaching the First Temple at Ramdevra Betta, Ramnagar

सीढियां, बड़े – घने वृक्षों के साये में बड़ी ही सुकूनदायक लगती है. दो मंदिर हैं यहाँ- एक हनुमान जी का और एक रामजी का. कौनसा पहले आता है ये अब याद नहीं, हालाँकि तीन बार जा चुकी हूँ.

Temple does have an enviable setting!

दूसरा मंदिर आने पर जब सीढियाँ ख़त्म हो जाती हैं तो राह बेहतर और ऊंचाई बढ़ते जाने से नज़ारे बेहतर होते जाते हैं. हवाएं मन उडा ले जाती है और आँखे दूर दूर तक देख कर उस मन को लौटा लौटा कर ले आती है.


Train that brings Jai and Veeru of Sholay.

कभी कभी जब नीचे रेलगाड़ी आती है तो जय और वीरू की यादें भी साथ लाती है. किन्तु ठाकुर की बहु के लिए कुछ भी नहीं लाती सिवाय उदासी और मौन के.

The near vertical climb to get at the top of the Hill, Ramdevra Betta.
RamBhakt Hanumaan carved in the hill.

सबसे आखिर में 80 डिग्री के पहाड़ में बनी पगडंडीनुमा सीढ़ी से अगर आप ऊपर जाने की हिम्मत रखें तो फिर घंटों ऊपर ही रहना चाहेंगे। चढ़ाई खतरनाक है क्यूंकि आधा पग रखने जितनी सी जगह है सीढ़ी पर, लोहे की रेलिंग बहुत ही जर्जर अवस्था में है और वही एकमात्र सहारा है इस कड़ी चढ़ाई के लिए.

The landscape of Karnataka.
Green has overcome the dryness of Sholay’s Landscape.
Hills and Greens till the horizon.

गब्बर की खोह वल्चर क्षेत्र में है इसलिए आप इसे देख नहीं सकते लेकिन क्या गम. न गब्बर और न उसकी खोह सच थी, गिद्धों की घटती संख्या कटु सत्य है.

The great Banyan tree near Bangalore- Dodda Alda Mara.

थोड़ी सी राह भटकने को तैयार हों तो बड़ा 400 वर्ष का बूढ़ा-जवान बरगद भी देख सकते है dodda Alada Mara में, जो आज लगभग तीन एकड़ में फैला है. यहाँ दोस्ती की मस्ती में गाया था जय और वीरू ने – ये दोस्ती – वाला गाना।

Leave a Reply

error: Content is protected !!