चित्रसूत्र कहता है -“विशेषज्ञ रेखाओं को (delineation and articulation of form) को देखता है, पारखी प्रकाश और छाया के रूपं को देखता है, स्त्रियां गहने, सामन्य-जन रंगों की विविधता और शोभा से प्रभावित होते हैं, अतः चित्रकार में ऐसी दक्षता चाहिए कि सभी उसके चित्र से आनंदित हो सकें।”
Lepakshi
सुनो नंदी!
दक्षिण में पाँव पाँव पर प्रभु अपने साकार रूप में विराजमान है. कहीं भी निकल पड़िए, श्लोक उच्चारण, मंदिर की घंटी, नाद के स्वर, हाथों में पूजन सामग्री और मुख […]